सभी प्राइवेट स्कूल 16 जुलाई को बंद रहेंगे

Today News update नारनौंद 16 जुलाई छुट्टी: सभी प्राइवेट स्कूल बंद

📢 नारनौंद 16 जुलाई छुट्टी अपडेट

सभी प्राइवेट स्कूल 16 जुलाई को बंद रहेंगे

नारनौंद क्षेत्र के सभी प्राइवेट स्कूलों में 16 जुलाई को छुट्टी घोषित कर दी गई है। यह निर्णय प्राइवेट स्कूल यूनियन की आज हुई आपातकालीन बैठक में लिया गया है। यूनियन के अनुसार यह निर्णय शिक्षकों और स्टाफ के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

क्या है वजह?

यूनियन ने बताया कि हाल ही में हुई घटनाओं के कारण शिक्षकों में असंतोष बढ़ रहा था। कई मुद्दों को लेकर सरकार और प्रशासन से चर्चा चल रही थी, लेकिन संतोषजनक समाधान ना निकलने पर यूनियन को मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा।

1 करोड़ रुपये मुआवज़े की मांग

बैठक में यूनियन ने एक और बड़ा फैसला लिया। उन्होंने सरकार से 1 करोड़ रुपये के मुआवज़े की मांग भी रखी है। यूनियन का कहना है कि हाल ही में जो घटनाएँ हुई हैं, उससे स्कूलों को भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को उचित मुआवज़ा देना चाहिए ताकि स्कूल अपनी सेवाएँ सुचारू रूप से चला सकें।

स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया

स्कूल संचालकों ने यूनियन के इस फैसले का समर्थन किया है। एक प्राइवेट स्कूल संचालक ने कहा, “यह निर्णय बिल्कुल सही है। जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं सुनती, हमें मजबूरन ऐसे कदम उठाने पड़ेंगे। छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह स्थिति सभी के हित में है।”

अभिभावकों में चिंता

दूसरी तरफ छुट्टी की खबर से अभिभावकों में चिंता बढ़ गई है। कई अभिभावकों का कहना है कि पहले ही पढ़ाई कोविड और अन्य वजहों से प्रभावित हो चुकी है। अब अचानक छुट्टी से बच्चों की पढ़ाई में रुकावट आएगी। हालांकि कुछ पैरेंट्स यूनियन के फैसले के समर्थन में भी नजर आए। उनका कहना है कि अगर स्कूल स्टाफ के हित सुरक्षित रहेंगे तभी बच्चों का भविष्य सुरक्षित होगा।

सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल

यूनियन का यह फैसला मीटिंग खत्म होते ही सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा है। व्हाट्सएप ग्रुप्स और फेसबुक पेजों पर यह अपडेट तेजी से शेयर हो रहा है। स्थानीय लोग इस फैसले पर अपनी-अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं।

प्रशासन की अपील

स्थानीय प्रशासन ने यूनियन से अपील की है कि किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो इसके लिए वार्ता का रास्ता खुला रखा जाए। प्रशासन का कहना है कि जल्द ही बातचीत कर समाधान निकाला जाएगा ताकि स्कूलों में सामान्य स्थिति बहाल हो सके।

स्थानीय लोगों की राय

स्थानीय दुकानदारों, कोचिंग संचालकों और अन्य लोगों का कहना है कि स्कूलों के बंद होने से आर्थिक गतिविधियों पर भी असर पड़ेगा। स्कूल बंद होने से बच्चों के आने-जाने से जुड़ी छोटी दुकानें, वाहन चालक और स्टेशनरी विक्रेता प्रभावित होते हैं। इसलिए लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही इस विवाद का समाधान होगा।

क्या है आगे का रास्ता?

यूनियन ने साफ किया है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आगे भी आंदोलन की तैयारी रहेगी। सूत्रों के अनुसार अगले हफ्ते एक और बैठक बुलाई जाएगी जिसमें भविष्य की रणनीति पर चर्चा होगी।

निष्कर्ष

फिलहाल नारनौंद के अभिभावकों और छात्रों को 16 जुलाई को छुट्टी के लिए तैयार रहना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार यूनियन की मांगों पर क्या कदम उठाती है।

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MP: जल संरक्षण बैठक में अफसरों ने खाए 13 किलो ड्राई फ्रूट, बिल पहुंचा ₹19,000

Today News update MP: जल संरक्षण बैठक में अफसरों ने खाए 13 किलो ड्राई फ्रूट, बिल पहुंचा ₹19,000

MP: जल संरक्षण बैठक में अफसरों ने खाए 13 किलो ड्राई फ्रूट, एक घंटे का बिल ₹19,000

शहडोल (मध्य प्रदेश), 11 जुलाई: मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के भदवाही गांव में जल संरक्षण अभियान के तहत आयोजित एक सरकारी बैठक में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। एक घंटे की इस बैठक में अफसरों ने 13 किलो ड्राई फ्रूट खा डाले और इसका बिल ₹19,000 का बन गया। यही नहीं, ₹5,260 का एक अन्य बिल भी सामने आया है जिसमें विशेष रूप से घी की आपूर्ति शामिल थी।

जल संरक्षण पर बैठक, लेकिन खर्च का कोई नियंत्रण नहीं

यह बैठक भदवाही पंचायत में जल संरक्षण जागरूकता अभियान के तहत आयोजित की गई थी। अधिकारियों, कर्मचारियों और पंचायती प्रतिनिधियों की मौजूदगी में यह कार्यक्रम महज एक घंटे चला, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में दर्शाए गए खर्च ने सबको चौंका दिया।

RTI के माध्यम से सामने आई जानकारी के अनुसार, इस कार्यक्रम में 13 किलो ड्राई फ्रूट (काजू, बादाम, किशमिश, अखरोट) पर ₹19,000 का बिल बनाया गया। इसके अलावा, अलग से ₹5,260 का बिल घी और अन्य “विशेष वस्तुओं” के नाम पर जोड़ा गया।

जनता में रोष, सोशल मीडिया पर आलोचना

घटना के सामने आते ही सोशल मीडिया पर आम नागरिकों का गुस्सा फूट पड़ा। ट्विटर और फेसबुक पर मीम्स की बाढ़ आ गई और लोगों ने अफसरों की "ड्राई फ्रूट पार्टी" पर तंज कसते हुए सवाल पूछा कि क्या जल संरक्षण पर चर्चा करने के लिए इतनी भारी-भरकम मेहमाननवाजी जरूरी थी?

स्थानीय सामाजिक संगठनों ने कहा कि जहां गांवों में लोग पीने के पानी को तरसते हैं, वहीं अधिकारी जल संरक्षण के नाम पर मलाईदार भोज कर रहे हैं।

प्रशासन की सफाई और जांच का आदेश

बढ़ते विवाद के बीच जिला कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रशासन का कहना है कि यदि बिल में गड़बड़ी या फर्जीवाड़ा पाया गया, तो संबंधित अधिकारियों और सप्लायरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जिला पंचायत सीईओ ने भी प्रारंभिक रिपोर्ट तलब की है और पंचायत सचिव से स्पष्टीकरण मांगा है कि बैठक में 13 किलो ड्राई फ्रूट की खपत कैसे हुई, जबकि कार्यक्रम एक घंटे से अधिक नहीं चला।

पिछले मामलों से जोड़कर देख रही जनता

यह कोई पहली बार नहीं है जब सरकारी कार्यक्रमों में खानपान के नाम पर बेहिसाब खर्च सामने आया है। मध्य प्रदेश में पहले भी कई बार आयोजनों में चाय, समोसे और मिठाई के बिल लाखों में आने की खबरें सामने आती रही हैं।

जनता अब सवाल कर रही है कि जब जल संरक्षण जैसे गंभीर विषय पर सरकारी स्तर पर चर्चा हो रही हो, तब प्रशासन को आदर्श और मितव्ययी व्यवहार अपनाना चाहिए।

निष्कर्ष

भदवाही गांव में हुई यह घटना न सिर्फ प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे गंभीर विषयों पर भी दिखावे और अतिथि सत्कार की आड़ में जनता के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है। यदि सरकार और अधिकारी सच में जल संरक्षण के प्रति गंभीर हैं, तो उन्हें पहले आत्मसंयम दिखाना होगा।

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नारनौंद प्रिंसिपल हत्याकांड में चार छात्र गिरफ्तार

Today News update नारनौंद प्रिंसिपल हत्याकांड में चार छात्र गिरफ्तार

नारनौंद प्रिंसिपल हत्याकांड: चार आरोपी छात्र गिरफ्तार, SP ने किया बड़ा खुलासा

नारनौंद (हिसार), 11 जुलाई: करतार मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य जगबीर सिंह पानू की नृशंस हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी मुंढाल बस स्टैंड के पास से की गई, जहाँ आरोपी छात्र फरार होने की फिराक में थे।

पहले दो, अब चार नाम सामने आए

शुरुआत में इस हत्याकांड में केवल दो छात्रों के शामिल होने की जानकारी सामने आई थी, लेकिन पुलिस जांच के बाद चार छात्रों की संलिप्तता की पुष्टि हुई है। हिसार के पुलिस अधीक्षक अमित यशवर्धन ने प्रेस वार्ता में इस बात का खुलासा किया।

SP यशवर्धन ने बताया कि चारों छात्र एक योजनाबद्ध साजिश के तहत स्कूल परिसर में घुसे और प्रिंसिपल पर चाकुओं से हमला किया। वारदात के बाद सभी छात्र मौके से फरार हो गए थे, लेकिन पुलिस ने सघन तलाशी अभियान के दौरान उन्हें मुंढाल बस स्टैंड से धर दबोचा।

हत्या की वजह: अनुशासनात्मक कार्रवाई से नाराजगी

प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है कि कुछ दिन पहले स्कूल प्रिंसिपल ने इन छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी। इसी से नाराज होकर छात्रों ने मिलकर यह साजिश रची। पुलिस का कहना है कि इस बात की पुष्टि करने के लिए छात्रों के मोबाइल, चैट, कॉल रिकॉर्ड और सोशल मीडिया गतिविधियों की भी जांच की जा रही है।

हत्या की योजना थी पूर्व नियोजित

SP यशवर्धन के अनुसार, हत्या की योजना काफी पहले से बनाई गई थी। छात्रों ने हथियार जुटाने, स्कूल में घुसने और हमले के बाद भागने की योजना पहले ही तैयार कर ली थी। यह कोई आवेश में उठाया गया कदम नहीं, बल्कि सोच-समझकर रची गई साजिश थी।

पुलिस के मुताबिक, वारदात में प्रयोग किया गया चाकू बरामद कर लिया गया है। साथ ही छात्रों के पास से कुछ संदिग्ध वस्तुएं भी जब्त की गई हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच करवाई जाएगी।

परिवार और समाज में गुस्सा

घटना के बाद मृतक प्राचार्य के परिवार और स्कूल स्टाफ में गहरा शोक और गुस्सा है। स्थानीय लोग लगातार दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। प्रिंसिपल जगबीर सिंह पानू को क्षेत्र में एक अनुशासित, ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक के रूप में जाना जाता था।

स्कूल के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए और दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की। कई संगठनों ने इस मामले में विशेष अदालत के गठन की मांग की है ताकि त्वरित न्याय हो सके।

पुलिस ने की सतर्कता और निगरानी की अपील

SP यशवर्धन ने माता-पिता और स्कूल प्रशासन से अपील की है कि वे समय-समय पर छात्रों की गतिविधियों पर नजर रखें और कोई भी असामान्य व्यवहार हो तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस की साइबर टीम भी इन छात्रों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की निगरानी कर रही है, ताकि कोई और साजिश या संगठित समूह की भूमिका सामने आ सके।

निष्कर्ष

नारनौंद में हुई यह घटना केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि शिक्षा तंत्र, पारिवारिक संवाद, और किशोर न्याय प्रणाली पर गहरा प्रश्नचिह्न है। समाज को अब गंभीरता से यह सोचने की जरूरत है कि छात्रों को शिक्षण संस्थानों में अनुशासन और नैतिक मूल्यों की शिक्षा किस प्रकार दी जाए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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नारनौंद में विवाहिता ने दहेज प्रताड़ना से तंग आकर की आत्महत्या

Today News update नारनौंद में विवाहिता ने दहेज प्रताड़ना से तंग आकर की आत्महत्या

नारनौंद में विवाहिता ने दहेज प्रताड़ना से तंग आकर की आत्महत्या, पति और सास पर केस दर्ज

हिसार, 11 जुलाई: हरियाणा के नारनौंद कस्बे से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है जहाँ दहेज प्रताड़ना से तंग आकर एक नवविवाहिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह मामला नारनौंद वार्ड नंबर 16 का है, जहाँ किराए के मकान में रह रही 21 वर्षीय ज्योति ने यह कठोर कदम उठाया।

पति और सास पर लगाया प्रताड़ना का आरोप

मृतका के मायके पक्ष का आरोप है कि ज्योति को लंबे समय से दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। शादी को अभी डेढ़ साल भी नहीं हुआ था, लेकिन आए दिन ससुराल वालों की तरफ से उसे ताना दिया जाता था और दहेज की मांग की जाती थी।

परिजनों का कहना है कि उन्होंने कई बार रिश्तों को बचाने के लिए समझौता किया, लेकिन हालात लगातार बिगड़ते चले गए। आखिरकार सोमवार देर रात ज्योति ने अपने कमरे में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव लिया कब्जे में

घटना की सूचना मिलते ही नारनौंद थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर शहर के सामान्य अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।

पुलिस ने मृतका के भाई की शिकायत पर पति और सास के खिलाफ **दहेज प्रतिषेध अधिनियम** तथा **आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना)** और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल दोनों आरोपी फरार बताए जा रहे हैं।

मायके पक्ष में शोक और आक्रोश

मृतका के मायके पक्ष में शोक के साथ भारी आक्रोश भी है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

ज्योति के पिता ने बताया कि उनकी बेटी बहुत ही सीधी और संयमित स्वभाव की थी। वह हमेशा घर और परिवार को प्राथमिकता देती थी। उन्होंने दहेज में अपनी सामर्थ्य के अनुसार सामान दिया था, लेकिन ससुराल वालों की लालच कभी खत्म नहीं हुई।

महिला आयोग और प्रशासन का संज्ञान

घटना की जानकारी मिलने पर हरियाणा राज्य महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है और स्थानीय प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। आयोग की सदस्य ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

न्यायिक जांच की उठी मांग

स्थानीय लोगों और महिला संगठनों ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक घरेलू हिंसा का मामला नहीं, बल्कि सामाजिक सोच की विकृति है, जिसमें बेटियों को आज भी आर्थिक बोझ माना जाता है।

निष्कर्ष

नारनौंद में हुई यह घटना एक बार फिर से समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि दहेज जैसी कुप्रथा आज भी बेटियों की जान ले रही है। कानून होने के बावजूद मानसिक प्रताड़ना और लालच के चलते आज भी अनेक विवाहिता महिलाएं असहाय महसूस करती हैं। अब समय आ गया है कि समाज को इस दिशा में जागरूक और संवेदनशील बनाया जाए।

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