*राम रहीम की पैरोल के खिलाफ याचिका खारिज:* SGPC ने की थी दायर; SC ने कहा–व्यक्ति विशेष को निशाना नहीं बनाया जा सकता

 *राम रहीम की पैरोल के खिलाफ याचिका खारिज:* SGPC ने की थी दायर; SC ने कहा–व्यक्ति विशेष को निशाना नहीं बनाया जा सकता

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को बार-बार पैरोल देने के खिलाफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि किसी विशेष व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया जा सकता और राज्य सरकार सक्षम प्राधिकारी के रूप में नियमों के तहत निर्णय लेने में सक्षम है। 


SGPC ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार राजनीतिक कारणों से राम रहीम को बार-बार पैरोल दे रही है, जबकि वह हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों में दोषी हैं। इस पर, फरवरी 2024 में उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि अदालत की अनुमति के बिना राम रहीम को पैरोल या फरलो न दी जाए।


हालांकि, अगस्त 2024 में उच्च न्यायालय ने SGPC की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि राज्य सरकार नियमों के अनुसार ऐसे मामलों पर निर्णय लेने में सक्षम है। हरियाणा सरकार ने अदालत को बताया कि डेरा प्रमुख वैधानिक प्रावधानों के तहत पैरोल और फरलो के हकदार हैं और उन्होंने अतीत में मिली छूट का दुरुपयोग नहीं किया है। 


न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि राम रहीम की अस्थायी रिहाई के लिए किसी भी आवेदन पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा बिना किसी मनमानी या पक्षपात के विचार किया जाए। 


इससे पहले, फरवरी 2024 में उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था कि वह अदालत की अनुमति के बिना राम रहीम की पैरोल पर विचार न करे। 


गौरतलब है कि राम रहीम को अब तक कई बार पैरोल मिल चुकी है, जिसमें जनवरी 2024 में 50 दिनों की पैरोल भी शामिल है। SGPC ने बार-बार दी जा रही इन पैरोल पर आपत्ति जताई थी, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। 

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