गांव की एकता के आगे बिजली विभाग के कर्मचारियों को लौटना पड़ा
मसूदपुर: बिजली चोरी की जांच करने पहुंचे बिजली विभाग के कर्मचारियों को गांव मसूदपुर में ग्रामीणों की एकता के आगे बैरंग लौटना पड़ा। यह घटना तब घटी जब बिजली विभाग की टीम ने गांव में छापेमारी करने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों के कड़े विरोध के चलते उन्हें वहां से वापस लौटना पड़ा।
क्या है पूरा मामला? बिजली विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि गांव मसूदपुर में कुछ जगहों पर अवैध रूप से बिजली का उपयोग किया जा रहा है। इस पर विभाग ने छापेमारी की योजना बनाई और अधिकारियों की एक टीम गांव में जांच करने पहुंची। जैसे ही ग्रामीणों को इसकी भनक लगी, वे बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए और कर्मचारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया।
ग्रामीणों ने किया विरोध स्थानीय लोगों का कहना था कि बिजली विभाग बिना किसी पूर्व सूचना के गांव में आया, जिससे लोगों में नाराजगी फैल गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विभाग के कर्मचारी बिना किसी ठोस प्रमाण के बिजली चोरी का आरोप लगाकर लोगों को परेशान कर रहे थे। इसी के चलते बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हुए और विरोध करने लगे।
बिजली विभाग की टीम को वापस लौटना पड़ा ग्रामीणों के बढ़ते विरोध को देखते हुए बिजली विभाग की टीम को मजबूरन गांव छोड़कर वापस लौटना पड़ा। अधिकारियों ने कहा कि वे जल्द ही दोबारा उचित सुरक्षा के साथ गांव में आकर जांच करेंगे।
प्रशासन की प्रतिक्रिया इस घटना के बाद प्रशासन ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है और किसी भी सरकारी कर्मचारी को अपने कर्तव्य के निर्वहन में बाधा नहीं पहुंचनी चाहिए। प्रशासन ने यह भी कहा कि यदि कोई अवैध रूप से बिजली का उपयोग कर रहा है, तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों की मांग ग्रामीणों ने मांग की है कि बिजली विभाग को पहले उचित नोटिस देना चाहिए और जांच प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से करनी चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि वे विभाग के साथ सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन बिना सूचना के की गई छापेमारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह मामला अब चर्चा का विषय बना हुआ है और देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस पर आगे क्या कदम उठाता है।