हिमाचल के मणिकर्ण में हादसा: हिसार के 3 छात्रों की मौत, एक युवती घायल

 

हिमाचल के मणिकर्ण में हादसा: हिसार के 3 छात्रों की मौत, एक युवती घायल

हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मणिकर्ण में एक दर्दनाक हादसे में हरियाणा के हिसार जिले के तीन छात्रों की मौत हो गई, जबकि एक युवती गंभीर रूप से घायल हो गई। ये सभी छात्र हिसार के सेक्टर 14 स्थित एक प्राइवेट डिजिटल मार्केटिंग इंस्टीट्यूट के थे, जो घूमने के लिए 17 सदस्यों के दल के साथ हिमाचल गए थे।

मृतकों की पहचान हिसार के तारा नगर निवासी मनीष, हांसी निवासी गुलशन और मूल रूप से बरेली की रहने वाली, लेकिन हिसार के ओम विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा दिनता के रूप में हुई है। हादसे में घायल युवती प्राची भी हिसार के सेक्टर 14 की रहने वाली है, जिसे इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

कैसे हुआ हादसा?

जानकारी के अनुसार, यह हादसा रविवार शाम को हुआ जब छात्रों का यह दल मणिकर्ण की पहाड़ियों में घूमने गया था। बताया जा रहा है कि ग्रुप के कुछ छात्र एक ऊंची पहाड़ी पर गए थे, जहां अचानक एक चट्टान खिसकने लगी। देखते ही देखते मनीष, गुलशन और दिनता चट्टानों के साथ नीचे गिर गए और गंभीर रूप से घायल हो गए।

स्थानीय लोगों और अन्य छात्रों ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन मनीष, गुलशन और दिनता ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।

घटना के बाद मचा हड़कंप

इस हादसे की खबर मिलते ही छात्रों के परिवारों में कोहराम मच गया। जैसे ही हिसार में परिजनों को सूचना दी गई, वे तुरंत हिमाचल के लिए रवाना हो गए। हादसे के बाद से पूरे इंस्टीट्यूट में शोक का माहौल है। साथी छात्रों और शिक्षकों ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और हृदयविदारक बताया।

प्राची की हालत स्थिर, लेकिन सदमे में

घायल छात्रा प्राची को तुरंत मणिकर्ण के एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक, प्राची को सिर और हाथ में चोटें आई हैं, लेकिन उसकी हालत अब स्थिर है। हालांकि, हादसे का गहरा असर उस पर पड़ा है, और वह अभी भी सदमे में है।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया

हिमाचल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, हादसा प्राकृतिक कारणों से हुआ, लेकिन पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या छात्र ट्रैकिंग के लिए किसी असुरक्षित इलाके में गए थे या वहां जाने की अनुमति थी या नहीं।

मणिकर्ण पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा,
"यह क्षेत्र अक्सर भूस्खलन के लिए जाना जाता है। शुरुआती जांच में यह हादसा प्राकृतिक कारणों से हुआ प्रतीत हो रहा है। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिवारों को सौंप दिया जाएगा।"

परिजनों का हाल, रो-रोकर बुरा हाल

हादसे की खबर सुनते ही मृतकों के परिवार वालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मनीष, गुलशन और दिनता के माता-पिता ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनके बच्चे इस तरह अचानक दुनिया से चले जाएंगे।

मनीष के पिता ने कहा,
"हमने उसे खुशी-खुशी घूमने भेजा था, लेकिन अब वह कभी वापस नहीं आएगा। हमें यकीन ही नहीं हो रहा कि हमारा बेटा अब हमारे बीच नहीं रहा।"

गुलशन के घर में भी मातम का माहौल है। उसकी माँ बार-बार यही कह रही थी,
"मेरा बेटा कहकर गया था कि जल्दी लौट आऊंगा, लेकिन अब वह कभी नहीं आएगा।"

दिनता के परिवार के लिए यह हादसा और भी दुखद था, क्योंकि वह मूल रूप से बरेली की रहने वाली थी और हिसार में पढ़ाई कर रही थी। उसके परिवार वालों को जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, वे तुरंत हिमाचल रवाना हो गए।

क्या थी इस ट्रिप की योजना?

बताया जा रहा है कि यह ट्रिप 3 दिन का था, जिसमें हिसार के सेक्टर 14 स्थित एक प्राइवेट डिजिटल मार्केटिंग इंस्टीट्यूट के 17 छात्र और कुछ फैकल्टी मेंबर्स शामिल थे। यह ट्रिप एक एडवेंचर टूर के रूप में प्लान किया गया था, जिसमें छात्रों को हिमाचल की खूबसूरती और एडवेंचर स्पॉट्स का अनुभव देना था।

परिजनों के मुताबिक, छात्रों ने एक ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से यह यात्रा बुक की थी। अब सवाल उठ रहा है कि क्या ट्रैवल एजेंसी और इंस्टीट्यूट ने सुरक्षा मानकों का सही से पालन किया था या नहीं।

प्रशासन को उठाने होंगे कदम

यह हादसा हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों के लिए सुरक्षा मानकों को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। हर साल हजारों पर्यटक मणिकर्ण, कसोल, कुल्लू और मनाली जैसे इलाकों में घूमने आते हैं, लेकिन कई बार सुरक्षा उपायों की अनदेखी की जाती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस क्षेत्र में भूस्खलन और चट्टानें गिरने की घटनाएं आम हैं, खासकर बारिश के मौसम में। ऐसे में जरूरी है कि

  • पर्यटकों को जोखिम भरे इलाकों में जाने से पहले चेतावनी दी जाए।

  • गाइड्स और ट्रैवल एजेंसियों को सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाए।

  • प्रशासन द्वारा हर ट्रैकिंग ग्रुप के लिए लाइसेंसिंग प्रणाली लागू की जाए।

अब आगे क्या?

  • मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद हिसार लाया जाएगा।

  • घायल प्राची का इलाज जारी रहेगा और उसे विशेष निगरानी में रखा जाएगा।

  • पुलिस जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि यह हादसा पूरी तरह प्राकृतिक था या लापरवाही की भी कोई भूमिका थी।

  • प्रशासन से मांग की जा रही है कि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।

निष्कर्ष

मणिकर्ण में हुआ यह हादसा एक दर्दनाक त्रासदी है, जिसने तीन परिवारों से उनके होनहार बच्चों को छीन लिया। इस घटना ने एक बार फिर हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस दिशा में क्या कदम उठाता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

हम मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।

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