JPA डील: 55,500 करोड़ के कर्ज़ की कहानी और अदाणी का प्रस्ताव

 

JPA डील: 55,500 करोड़ के कर्ज़ की कहानी और अदाणी का प्रस्ताव

जेपी एसोसिएट्स (JPA), जिसने सरकारी और प्राइवेट बैंकों से 55,500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, अब बिकने को तैयार है। यह कर्ज़ डूबत ऋण (NPA) में तब्दील हो चुका है, और इसे खरीदने के लिए प्रमुख कंपनियां रुचि दिखा रही हैं।



🔥 JPA की बिक्री का संभावित सौदा:

  • अदाणी ग्रुप ने JPA को खरीदने की पेशकश की है।

  • सौदे के तहत 20,000 करोड़ रुपये में यह डील हो सकती है।

  • लेकिन इसमें ट्विस्ट है

    • सिर्फ 15% (3,000 करोड़ रुपये) नकद भुगतान होगा

    • बाकी 85% (17,000 करोड़ रुपये) गारंटी के रूप में दिया जाएगा

    • गारंटी की समय-सीमा तय नहीं है, लेकिन यह 10 साल तक खिंच सकती है

    • यदि समय लंबा हुआ, तो 17,000 करोड़ की मौजूदा वैल्यू घटकर 50% हो जाएगी

⚠ क्या यह फाइनल है?

  • अभी यह डील फाइनल नहीं हुई है

  • अन्य कंपनियों ने भी खरीदने की पेशकश की है, लेकिन कहा जा रहा है कि अदाणी के आ जाने के बाद अन्य दावेदारों की संभावना कम हो गई है

🔹 किन बैंकों का पैसा डूबा?

JPA ने जिन बैंकों से कर्ज़ लिया था, उनमें शामिल हैं:
सरकारी बैंक: SBI, PNB, Canara Bank, Bank of Maharashtra, UCO Bank, Indian Bank, BOB, UBI, CBI, BOI आदि।
निजी बैंक: ICICI, IDBI, Axis, IndusInd, South Indian Bank, Karur Vysya Bank आदि।
अन्य वित्तीय संस्थान: LIC, IFCI, SIDBI, EXIM Bank, J&K Bank, SCB आदि।

📌 आगे क्या हो सकता है?

  • अगर JPA को अदाणी खरीदता है, तो बैंकों को घाटा उठाना पड़ेगा

  • 10 साल की गारंटी वाली शर्तों के कारण बैंक लंबे समय तक इंतजार कर सकते हैं

  • यदि अन्य कंपनियां बेहतर प्रस्ताव देती हैं, तो अदाणी को डील में बदलाव करना पड़ सकता है

  • सरकार और नियामक एजेंसियां इस डील पर अपनी नजर बनाए रखेंगी

🚨 इस बड़े सौदे पर आगे की अपडेट के लिए जुड़े रहें!

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