हरियाणा के जींद में कोर्ट कर्मचारी ने आत्महत्या की, डीएसपी और एएसआई पर प्रताड़ना के आरोप

 हरियाणा के जींद में कोर्ट कर्मचारी ने आत्महत्या की, डीएसपी और एएसआई पर प्रताड़ना के आरोप

जींद, हरियाणा: हरियाणा के जींद जिले में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां एक कोर्ट कर्मचारी ने जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले मृतक ने एक वीडियो बनाकर डीएसपी, एएसआई समेत तीन लोगों पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए और उन्हें अपनी मौत का जिम्मेदार बताया। इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ चुका है और मृतक के परिजन पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

मृतक ने वीडियो में लगाए गंभीर आरोप

घटना जींद जिले के खरकरामजी गांव की है, जहां रहने वाले राजेश नामक कोर्ट कर्मचारी ने आत्महत्या से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया। इस वीडियो में उसने बताया कि उसने जहर खा लिया है और अब आत्महत्या कर रहा है। वीडियो में राजेश ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि पुलिस कर्मचारी नरेश, उसका बर्खास्त साला महावीर (जो निडानी गांव का निवासी था) और डीएसपी जितेंद्र ने उसे षड्यंत्रपूर्वक फंसा दिया। मृतक का आरोप था कि इन लोगों द्वारा लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण उसने यह कठोर कदम उठाया।

परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार

राजेश की आत्महत्या के बाद उसके परिजन अत्यधिक शोक में हैं और उन्होंने पुलिस अधीक्षक (एसपी) से मिलकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। परिजनों का कहना है कि मृतक लगातार मानसिक दबाव में था और अधिकारियों द्वारा प्रताड़ना की जा रही थी। इस पूरे घटनाक्रम के बाद मृतक के परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

राजेश द्वारा बनाया गया वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह बार-बार उन चार लोगों के नाम ले रहा है, जिन्हें वह अपनी मौत का जिम्मेदार ठहरा रहा है। इस वीडियो को देखकर लोग स्तब्ध हैं और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

पुलिस जांच में जुटी, सच्चाई की हो रही पड़ताल

इस मामले में जींद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी जांच में जुट गए हैं और संबंधित आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। हालांकि, अब तक किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं – एक गंभीर मुद्दा

यह मामला केवल एक व्यक्ति की मौत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक समस्या की ओर भी इशारा करता है। कार्यस्थलों पर मानसिक दबाव, सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार और प्रताड़ना के मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और समाज को मिलकर प्रयास करने होंगे।

परिवार को न्याय मिलेगा या नहीं?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या मृतक राजेश के परिवार को न्याय मिलेगा? क्या आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई होगी या मामला समय के साथ ठंडे बस्ते में चला जाएगा? यह तो आने वाले दिनों में पुलिस जांच और प्रशासन की कार्रवाई से ही स्पष्ट होगा।

समाप्ति में:

राजेश की आत्महत्या ने एक बार फिर से कानून व्यवस्था और पुलिस तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले में निष्पक्ष जांच कराए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो। यह सिर्फ एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि समाज में बढ़ती प्रताड़ना और अन्याय के खिलाफ एक चेतावनी है, जिसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।

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