चंडीगढ़ के पास बड़ा हादसा टला: पेट्रोल से भरी मालगाड़ी की छह बोगियां पटरी से उतरीं
चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा की सीमा पर गुरुवार को एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया। राजस्थान के जयपुर में 20 दिसंबर 2024 को हुए एलपीजी टैंकर ब्लास्ट जैसी भयावह घटना यहां भी दोहराई जा सकती थी। चंडीगढ़ के पास हजारों लीटर पेट्रोल से भरी मालगाड़ी की छह बोगियां पटरी से उतर गईं। इस घटना के बाद रेलवे अधिकारियों में हड़कंप मच गया, लेकिन गनीमत रही कि समय रहते स्थिति को संभाल लिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई।
कैसे हुआ हादसा?
गुरुवार दोपहर को पंजाब-हरियाणा सीमा से गुजर रही एक मालगाड़ी अचानक पटरी से उतर गई। यह ट्रेन 50 डिब्बों में हजारों लीटर पेट्रोल लेकर जा रही थी। जब ट्रेन चंडीगढ़ के पास पहुंची, तो अचानक छह बोगियां पटरी से उतर गईं। घटना के तुरंत बाद रेलवे अधिकारियों को सूचित किया गया, और राहत कार्य शुरू कर दिया गया।
टला एक बड़ा खतरा
अगर इस हादसे के दौरान पेट्रोल से भरे टैंकरों में आग लग जाती, तो चंडीगढ़, मोहाली, पंचकूला और आसपास के कई कस्बों पर इसका खतरनाक असर पड़ सकता था। पेट्रोल अत्यधिक ज्वलनशील होता है, और थोड़ी सी चिंगारी भी इसे आग के गोले में तब्दील कर सकती थी। अगर किसी कारणवश विस्फोट होता, तो यह इतना भयंकर होता कि कई गांवों और कस्बों को अपनी चपेट में ले सकता था।
रेलवे सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि अगर टैंकरों से पेट्रोल लीक हो जाता और उसमें आग लग जाती, तो यह जयपुर जैसी बड़ी दुर्घटना में बदल सकता था। गनीमत रही कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ और रेलवे कर्मियों की तत्परता से स्थिति को नियंत्रण में लाया गया।
रेलवे अधिकारियों की तत्परता
घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे प्रशासन हरकत में आ गया। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों और इंजीनियरों की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। पटरी से उतरे डिब्बों को हटाने के लिए भारी मशीनरी लाई गई, ताकि बाकी ट्रेनों की आवाजाही सामान्य की जा सके।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, “सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई और तुरंत सभी जरूरी कदम उठाए गए।” उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना में किसी भी व्यक्ति को कोई चोट नहीं आई, और न ही कोई तेल रिसाव हुआ, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
स्थानीय लोगों में दहशत
इस घटना के बाद आसपास के गांवों और कस्बों में दहशत का माहौल बन गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि ट्रेन के पटरी से उतरने की आवाज सुनकर वे घटनास्थल की ओर दौड़े। उन्हें डर था कि कहीं पेट्रोल से भरी बोगियों में आग न लग जाए।
एक प्रत्यक्षदर्शी, राजेश कुमार ने बताया, “जब हमें पता चला कि पेट्रोल से भरी मालगाड़ी की बोगियां पटरी से उतर गई हैं, तो हम घबरा गए। जयपुर में हुए विस्फोट की घटना अभी भी लोगों के दिमाग में ताजा है। अगर यहां भी ऐसा कुछ होता, तो हजारों जिंदगियां खतरे में पड़ जातीं।”
रेलवे ट्रैक की जांच के आदेश
रेलवे अधिकारियों ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि यह घटना पटरियों की खराबी या तकनीकी गड़बड़ी के कारण हो सकती है। हालांकि, सटीक कारण का पता लगाने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो विस्तृत जांच करेगी।
रेलवे ने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ट्रैक की नियमित जांच और मरम्मत कार्य को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
आसपास के कस्बों को था बड़ा खतरा
इस हादसे के चलते न केवल चंडीगढ़, बल्कि आसपास के अन्य कस्बों जैसे मोहाली, पंचकूला, जीरकपुर, डेराबस्सी और कुराली को भी खतरा हो सकता था। अगर किसी भी प्रकार से आग फैलती, तो इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हो जाता।
विशेषज्ञों का कहना है कि “रेलवे को ऐसे संवेदनशील माल की ढुलाई के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। रेलवे ट्रैक्स और मालगाड़ियों की नियमित जांच होनी चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।”
रेलवे प्रशासन ने क्या कहा?
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि हादसे के पीछे की असली वजह का पता जांच के बाद चलेगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। रेलवे मंत्री ने भी इस घटना पर संज्ञान लिया है और जांच रिपोर्ट जल्द देने के निर्देश दिए हैं।
निष्कर्ष
यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि रेलवे को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है। चंडीगढ़ के पास जो हादसा होते-होते बचा, वह एक विनाशकारी आपदा में तब्दील हो सकता था। गनीमत रही कि समय रहते रेलवे अधिकारियों ने स्थिति को संभाल लिया, वरना हजारों लोगों की जिंदगियां दांव पर लग सकती थीं। अब देखने वाली बात यह होगी कि रेलवे इस घटना से क्या सबक लेता है और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है।