मध्य प्रदेश के गुना जिले में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां एक मां पर अपने 15 वर्षीय बेटे की हत्या का आरोप लगा है। यह मामला 14 फरवरी 2025 का है, जब अभ्युदय जैन नामक किशोर का शव उनके घर के बाथरूम में पाया गया था। शुरुआत में यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा था, लेकिन जांच के बाद यह खुलासा हुआ कि उसकी हत्या की गई थी, और इस आरोप में उसकी मां अलका जैन को गिरफ्तार किया गया है。
घटना का विवरण
अभ्युदय के पिता अनुपम जैन भोपाल में एक बैंक में ऑडिटर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि अलका जैन गुना में अपने बेटे के साथ रहती थीं। अलका ने पुलिस को बताया था कि वह बैडमिंटन खेलने गई थीं और लौटने पर घर का दरवाजा अंदर से बंद पाया। काफी प्रयासों के बाद, जब उन्होंने मकान मालिक से दूसरी चाबी लेकर दरवाजा खोला, तो अभ्युदय का शव बाथरूम में दुपट्टे से लटका हुआ मिला। उन्होंने दावा किया कि यह आत्महत्या का मामला है। citeturn0search6
जांच और खुलासे
पुलिस ने मामले की गहन जांच की और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया कि अभ्युदय की मौत गला घोंटने से हुई है, न कि फांसी लगाने से। इसके अलावा, घटनास्थल पर मिले सबूत और अलका के बयानों में विरोधाभास पाए गए। पुलिस ने अलका से सख्ती से पूछताछ की, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि उनके और अभ्युदय के बीच अक्सर विवाद होते थे, विशेष रूप से उनकी जीवनशैली और कपड़ों को लेकर। अलका ने कबूल किया कि एक बहस के दौरान उन्होंने गुस्से में आकर अभ्युदय के गले में पहनी चेन खींच दी, जिससे उसकी मौत हो गई। citeturn0search4
पारिवारिक पृष्ठभूमि
अभ्युदय का जन्म शादी के सात साल बाद आईवीएफ तकनीक से हुआ था, जिससे वह अपने माता-पिता के लिए अत्यंत प्रिय था। वह गुना के एक प्रतिष्ठित मिशनरी स्कूल में पढ़ता था। अलका, जो दिनभर घर पर रहती थीं, ने किटी पार्टी क्लब जॉइन किया था, जिसे लेकर अभ्युदय और उनके बीच तनाव रहता था। पड़ोसियों के अनुसार, दोनों के बीच अक्सर जोरदार झगड़े होते थे। citeturn0search2
वर्तमान स्थिति
पुलिस ने सबूतों के आधार पर अलका जैन को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मामले की जांच जारी है, और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हत्या के पीछे और कौन से कारण हो सकते हैं।
यह घटना समाज में पारिवारिक संबंधों और संचार की महत्वपूर्णता को उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि माता-पिता और बच्चों के बीच खुले संवाद और समझ आवश्यक हैं ताकि इस तरह की त्रासदियों से बचा जा सके।