गौतम परिवार के दुःख की घड़ी में पहुँचे मंत्री गंगवा, विधायक भ्याना, अत्री और कैप्टन बैरागी — नारनौंद में दिखा गहरा राजनीतिक और सामाजिक सरोकार

 


गौतम परिवार के दुःख की घड़ी में पहुँचे मंत्री गंगवा, विधायक भ्याना, अत्री और कैप्टन बैरागी — नारनौंद में दिखा गहरा राजनीतिक और सामाजिक सरोकार

नारनौंद, 10 अप्रैल: जीवन के कुछ क्षण बेहद संवेदनशील और भावनात्मक होते हैं, जहाँ शब्दों से अधिक साथ और संवेदना मायने रखती है। ऐसा ही एक दृश्य देखने को मिला नारनौंद के प्रतिष्ठित गौतम परिवार के आवास पर, जब वहां पहुँचे हरियाणा सरकार के मंत्री देवेंद्र सिंह गंगवा, विधायक जोगीराम सिहाग भ्याना, पूर्व विधायक शमशेर सिंह अत्री, और वरिष्ठ समाजसेवी कैप्टन बैरागी

गौतम परिवार को हाल ही में एक अत्यंत दुखद क्षति का सामना करना पड़ा है — परिवार के सदस्य अनुज गौतम का आकस्मिक निधन हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी। नारनौंद, जो सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से गहरे जुड़ाव वाला कस्बा है, वहाँ इस प्रकार की घटनाएं पूरे समाज को झकझोर देती हैं। अनुज एक लोकप्रिय, मिलनसार और सादगीभरे युवा थे, जिनकी असमय मृत्यु ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया।

राजनीतिक और सामाजिक चेहरे साथ आए शोक व्यक्त करने

इस दुख की घड़ी में क्षेत्र के कई बड़े नेता और सामाजिक हस्तियाँ गौतम परिवार के साथ खड़ी नजर आईं। हरियाणा सरकार के मंत्री देवेंद्र सिंह गंगवा, जिन्होंने हमेशा जनहित और सामाजिक सरोकारों को प्राथमिकता दी है, ने सीधे गौतम निवास पहुँचकर शोक व्यक्त किया और परिवार को ढाँढस बंधाया।

उन्होंने कहा, "अनुज जैसे युवाओं का जाना समाज की बड़ी क्षति है। यह समय अत्यंत कठिन है, लेकिन पूरा प्रशासन और समाज इस परिवार के साथ है।"

वहीं, विधायक जोगीराम भ्याना ने अपने संवेदनात्मक शब्दों में कहा, "गौतम परिवार समाज के हर वर्ग से जुड़ा हुआ है। अनुज का जाना व्यक्तिगत रूप से भी पीड़ादायक है। हम सब मिलकर इस दुख को बाँटने की कोशिश कर रहे हैं।"

पूर्व विधायक शमशेर अत्री और समाजसेवी कैप्टन बैरागी ने भी अनुज के जीवन के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका मुस्कराता चेहरा और सकारात्मक ऊर्जा हमेशा याद रखी जाएगी।

समाज में गूंजा अनुज की विदाई का दर्द
अनुज की अंतिम यात्रा में हजारों लोग उमड़े। व्यापारियों, किसानों, युवाओं, बुजुर्गों — हर वर्ग ने उनका अंतिम दर्शन किया और अश्रुपूरित नेत्रों से विदाई दी। उनकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि न केवल नारनौंद, बल्कि आस-पास के गांवों से भी लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुँचे।

गौतम परिवार का समाज में योगदान
गौतम परिवार नारनौंद में न केवल सामाजिक रूप से सक्रिय है, बल्कि शिक्षा, धर्म, खेल और राजनीति जैसे कई क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। अनुज खुद भी युवाओं के बीच एक प्रेरणास्रोत थे — सादगी, मिलनसारिता और सहयोग भाव उनकी पहचान थी।

उनके निधन से जहां परिवार टूटा है, वहीं समाज भी एक संवेदनशील, ऊर्जावान युवा को खो चुका है।

राजनीति से ऊपर इंसानियत का संदेश
यह दृश्य, जब विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं के नेता — मंत्री गंगवा, विधायक भ्याना, अत्री और बैरागी — एक साथ खड़े नजर आए, समाज को यह संदेश देता है कि इंसानियत और संवेदना किसी भी दल से ऊपर होती है।

शोक की इस घड़ी में राजनीतिक मतभेदों से परे, सबका एकजुट होकर किसी परिवार के दुख में शामिल होना यह दर्शाता है कि जब बात मानवीय मूल्य और सामाजिक एकता की आती है, तो हर मतभेद गौण हो जाता है।

स्थानीय प्रशासन और समाज की भूमिका
स्थानीय प्रशासन ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए आश्वासन दिया कि परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। कई सामाजिक संगठनों ने श्रद्धांजलि सभाएं रखी हैं और अनुज की याद में पौधारोपण, रक्तदान शिविर और खेल प्रतियोगिताओं जैसी गतिविधियाँ आयोजित करने की योजना बनाई है।

निष्कर्ष
अनुज गौतम का असमय निधन एक अपूरणीय क्षति है, जिसे शब्दों में व्यक्त करना कठिन है। लेकिन उनके प्रति लोगों की भावनाएं, उनकी अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब, और बड़े राजनीतिक नेताओं की उपस्थिति इस बात की गवाही देती है कि अनुज सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार थे — प्रेम, सौहार्द, और सेवा का विचार।

गौतम परिवार को इस दुःख की घड़ी में strength और शांति मिले, यही प्रार्थना पूरे क्षेत्र की है।


 

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