गांव बॉस, नारनौंद में पानी को लेकर हंगामा: जल घर को लगाया ताला, हाईवे किया जाम!
नारनौंद, 6 अप्रैल: हरियाणा के हिसार जिले के गांव बॉस में शनिवार को पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। लंबे समय से जल संकट झेल रहे ग्रामीणों ने जल घर (पानी सप्लाई केंद्र) को ताला जड़ दिया और नारनौंद हाइवे पर धरना देकर सड़क जाम कर दी। देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जिसके बाद मौके पर पुलिस ने मोर्चा संभाला और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर जाम हटवाया।
क्या है मामला?
गांव बॉस के ग्रामीणों का आरोप है कि कई हफ्तों से गांव में पेयजल आपूर्ति ठप है। कई बार प्रशासन और पंचायत को अवगत करवाने के बावजूद कोई समाधान नहीं हुआ। लोगों ने बताया कि ट्यूबवेल खराब पड़ा है, मोटर बदलने या पाइपलाइन की मरम्मत जैसी छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर विभाग उदासीन बना हुआ है।
गर्मी बढ़ने के साथ जैसे-जैसे पानी की जरूरतें बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे ग्रामीणों का धैर्य जवाब देने लगा। शनिवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र होकर जल घर पहुंचे और ताला जड़ दिया, फिर नारनौंद हाइवे पर बैठकर जाम लगा दिया।
पुलिस ने संभाला मोर्चा
हाईवे जाम की सूचना मिलते ही नारनौंद थाना पुलिस मौके पर पहुंची। एसएचओ और प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें शांत किया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि 24 घंटे के अंदर पानी की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया और धरना समाप्त किया।
ग्रामीणों की पीड़ा
प्रदर्शन कर रही महिलाओं और बुजुर्गों का कहना था,
“हमारे घरों में पीने का पानी तक नहीं आ रहा। छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कई किलोमीटर दूर पानी लेने जाना पड़ता है। गर्मी में हालात और भी बिगड़ते जा रहे हैं।”
“जब वोट लेने होते हैं, तब तो नेता गांव-गांव घूमते हैं, लेकिन अब कोई सुनवाई नहीं हो रही।”
प्रशासन ने दिए आश्वासन
एसडीओ जल आपूर्ति विभाग ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि खराब पड़ी मशीनरी की मरम्मत करवाई जा रही है और जल्द ही नियमित जल आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर स्थानीय पंचायत और विभाग की समन्वय बैठक आयोजित की जाएगी।
निष्कर्ष
गांव बॉस में पानी को लेकर उठी यह आवाज़ सिर्फ एक गांव की नहीं, बल्कि उन सैकड़ों गांवों की कहानी है जहां आज भी बुनियादी सुविधाओं का टोटा है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए स्थायी समाधान की दिशा में काम करे, ताकि जनता को बार-बार सड़कों पर उतरने को मजबूर न होना पड़े।
(देखते रहिए, ऐसी ही ग्राउंड रिपोर्ट्स के लिए…)